Thursday, June 23, 2022

लिहाज़ बातों का उन्होंने सिखाया


लिहाज़ बातों का उन्होंने सिखाया

जिनकी खुदकी जुबान बेशर्मी से लडखडाती है ...!

Tuesday, June 21, 2022

आज फिर शोर है मेरे कानो में




आज फिर शोर है मेरे कानो में,

कहीं तो खोट है मेरे पैमानों में

जुबान पर झूट है और सच है इन मैखानो में...

कितना शोर है मेरे कानो में

 

मैं बोलती गयी और दिल नकारता गया..

ये नशा भी धोखा खाता गया

चुप क्यूँ है बोल दिल , क्यूँ बैठा है इन तैखानो में

बता क्यूँ है शोर इन कानो में ?

 

अब सुबह नही होनी, न होनी मेरी रात

बस कुछ ही दिन की है ये बात

दर्द होगा पर एहसास नही

हर बात होगी पर बात नही

 

अब टूटेगा ये भ्रम तेरा

की रुख मैंने तेर दिल का किया है

ये शोर तेरे कानों का इसी का दिया है

तु रुक जा साभर कर अब इसकी शामत आई है

तेर कानो मे गूंजता शोर असल में इस दिल की तन्हाई है


जो मैंने पूछा हाल ए दिल

तो भर आंखे वो रो पड़ा

पसीस गया ये मन मेरा पर वो कुछ न बोल सका

के अब कानो तुमसे है ये दुआ की छोड़ दे शिकवा गिला  

की शोर तो होना ही है कानो में हर ख्वाब जो टुटा पड़ा है मेरे दिल तैखानो में.

 

 

 

 

 

Friday, June 10, 2022

है प्यार हमारा अठन्नी सा पचीस पैसा मैं और पचीस पैसा वो...!






है प्यार हमारा अठन्नी सा पचीस पैसा मैं और पचीस पैसा वो.

जो वो थकता तो मैं सम्भालती,

ये स्वार्थी जिन्दगी किसी को न भाती,

जो मैं कच्ची सड़क पर रुक जाऊ, तो कंधे पर लेकर वो चले,

ऐ बेदर्द जमीन तु क्यूँ न मेरे संग चले?

यूँ तो प्यार है हमारा गुलाल सा रंगी रंगी मैं और धुआं धुआं वो  

पर ज़खिमी दिल ये उदास सा थकी थाकि में और बुझा बुझा वो

चलो छोड़ो अब ये साथ तुम कह दो आज़ाद रहो,

मन को हम भी बाँध लेंगे इस आजादी को स्वीकार लेंगे, पर कितने रहोगे आज़ाद तुम?

हिसाब हमारा पक्का है ये मत भूलो की वो पचीस पैसा मेरे हक है

इतने में मुस्कुरा दिया लगता है, फिर मुई जिन्दगी ने सबक सिखा दिया

हर बार यही बतलाती हूँ, बात वही बताती हूँ,

है प्यार हमारा अठन्नी सा पचीस पैसा मैं और पचीस पैसा वो.