Thursday, April 30, 2015

डॉग एक्सेसरीज , नयापन या नुक्सान .....

डॉग अकेस्सोरिएस :-
आजकल की बदलती दुनिया में जहाँ एक तरफ हम अपनी जरूरतों से जादा चीजों का अनुभव कर रहे है वही दूसरी तरफ इसका असर हम हमारे घरेलू कुत्तो पर भी पड़ रहा है , जी हाँ हम बात कर रहे है आजकल बाज़ारों में रंगत बटोरते डॉग अकेस्सोरिएस की जो की आज नाही सिर्फ लोगो के लिए फैशन बना हुआ है बल्कि अब लोगो में डॉग फैशन को लेकर एक खासा उत्साह देखने को भी मिल रहा है | बाज़ारों में आये कुत्तों के लिए विभिन तरीके के बर्तनों से लेकर डॉग शूज, बो ,डॉग ज्वेलरी, डॉग वाच , डॉग कूलर, तोवेल , खिलोने , डॉग बेल्ट, फ़ूड, डॉग क्राउन तक उपलब्ध है | और यह सारी ही चीज़े लोगो में आकर्षण की वजह बनी हुई है | लोगो में इसका खासा उत्सह आमतोर पे डॉग शोज के दोरान देखने को मिलता है पर अब तो लोग सब चीजों का प्रयोग कुत्तों पर रोज्मारह की जिन्दगी में भी कर रहे है | लोगो ने सिर्फ डॉग अकेस्सोरिएस का इस्माल करना ही नही बल्कि इसका उच्च इस्तर पर व्यवसाय भी शुरू कर दिया है , पहले हमे अपने कुत्तों के लिए उनके इस्तमाल की चीज़ें ढूँढना थोडा मुश्किल का काम हुआ करता था | पर अब हम बड़ी ही आसानी से सारी ही चीज़े घर बैठे ही पा सकते है क्युकी अब डॉग अकेस्सोरिएस का व्यवसाय न सिर्फ आम बाज़ार के आंगन को छु रहा है बल्कि ये ऑनलाइन कस्टमर्स की भरी डिमांड भी बन चूका है | 
जब इसी सिलसिले में मैंने एक पेट ओनर से बात करी तो उन्होंने कहा “ मैं अपने पूछ को खिलोने दिलाना बहुत पसंद करती हु | उसे बड़ा पसंद है खिलोनो से खेलना जैसे की चक्री , लांचर, आदि | यहाँ पे एक पेंडुलम जैसा भी खिलौना होता है जिसमे एक रस्सी से गेंद बंधी होती है और कुत्ता कूद कर उसे पकड़ने की कोशिश करता है ये एक बहतरीन व्ययायम करने का तरीका होता है| मैं उसके लिए गर्मियों और सर्दियों के कपडे भी खरीदती हु | और उसे सोसाइटी के दुसरे कुत्तों की तरह एक्सेसरीज का भी काफी शौक है|
डॉग अकेस्सोरिएस जहा एक तरफ दुनिया के लगभग ४०% लोगो की शान बना हुआ वही दूसरी तरफ  कुत्तों के लिए कही न कही दिक्कत की वजह भी बना हुआ है | पशु चिकित्सकों का मन्ना है की इन सारी ही अकेस्सोरिएस के प्रयोग से जाने अनजाने हम अपने पालतुओं को काफी हानि पहुचा रहे है | इसे उनका शारीरिक और मानसिक नुकसान हो रहा है | शारीरिक तौर पर उन्हें अलेर्जी, स्किन प्रोब्लेम्स और घाव का समना करना पड़ता है और साथ ही जब बात यहाँ मानसिक पीड़ा की होती है तो उनपर हमारी खरीदी गई डॉग अकेस्सोरिएस का अनचाहा प्रभाव होता है जिसे वे काफी नाखुश और बंधा महसूस करते है |
इस सिल्सिल्ले में जब हमने डॉ अगरवाल जोकि एक पशु चिकत्सक है उनसे बात करी तो उनका कहना था “सारी ही एक्सेसरीज जो भी बाज़ार में कुत्तों के लिए आती है वो काफी जाँच के बाद बाज़ारों में लाई जाती है | तो इसे कोई खतरा नही रहता है |”
हम इस बदलती दुनिया के साथ जिस तरह से
कदम से कदम मिला के चल रहे है हमे लगत है की हम अपने आसपास की चीजों को कोई नुक्सान नही पहुचा रहे है मगर क्या ये वाकई में एक सच है या फिर हमारी सोच इस पर हमसब को गोर करने की जरुरत है | कुत्तों को साफ़ और  सुरक्षित रखे , जिस तरह से कुत्ते वफादार पशु है हमे भी उनके लिए वफादार और सतर्क रहना चाहिए| 






Wednesday, April 8, 2015

जादुई झाड़ू " काश मेरे पास होती" ... :)




जब हम झाड़ू शब्द का इस्तमाल करते है तो बस यही हमारे दिमाग में सबसे पेहले आता है, की झाड़ू लक्ष्मी होती है घर की, जिससे हम घर की गंदगी, बीमारियों, बुरइयो, कलह जैसी चीजों को घर से बाहर कर देते है | ये बड़ी ही कमाल की बात है, और बड़ी ही कमाल की चीज़ अगर झाड़ू जादू की छड़ी जैसे होती जिससे घुमाया और जिन्दगी की सारी ही दिक्कतों और मुश्किलों को दूर कर दिया जाता | अगर मैं  अपनी बात करू तो इस झाड़ू का मैं जरुर प्रयोग करना चाहूंगी, मेरी जिन्दगी में मैंने आज तक जितने भी गलत निर्णय  लिए है जिनसे मुझे न चाहते हुए भी अपनी जिन्दगी में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ा उसे झाड़ू लगा देना चाहती हु | लोग अक्सर चाहते है की काश मेरी जिन्दगी में कोई रिवाइंड का बटन होता तो मैं भूतकाल में जाकर सब सही कर आती | इसी तरह मैं यह चाहती हु की मेरे पास काश वो जादुई झाड़ू होती जो मेरे जिन्दगी के सारे मेल को झाड देती .. जिन्दगी हर किसी का इम्तिहान लेती  है , देखना तो यह होता है की कौन कितना सफल है और कौन कितना असफल मगर अगर हमारे पास भी इसका कोई अच विकल्प निकल आये जहा हम, अपने आप को सुरक्षित रख सके तो इसे अच्छी क्या बात होगी ... याद आते है ऐसे कई पल जिसपे जिन्दगी ने खुद अपनी झाड़ू लगाई है ... अब मैं चाहती हु अपने तरीके से अपनी जिन्दगी को साफ़ करना और रखना ,,, बल्कि समाज को भी एक ऐसी ही झाड़ू की जरुरत है जो सरकारी या निजी बनाये गए अवैध और कई बार बिना मतलब के तोर तरीको पे चला सके और इस देश दुनिया से कुछ अच्छा हासिल कर सके ... अब जभी भी झाड़ू दिमाग में आती है बस लगता है पहले उस विभाग की सफाई कर दू जहा गंदगी की हादें पार है ,, मैं  पुलिस विभाग की बात कर रही हु , जहा लोग भरती बाद में होते है ऐठ पहेले आ जाती है ,, अरे भाई आप लोग आम जनता की सुरक्षा के लिए है उन्हें डराने के लिए नही ,,,, तो पहले तो आप लोग अपने दिमाग की सफाई करिए फिर करियेगा दुनिया से गंदगी की सफाई  आपको भी मैं एक झाड़ू देना चाहूंगी | अब अगर बात पुलिस विभाग की हो रही हो तो राजनीती को भला पीछे कैसे छोड़ा जा सकता है , बड़े बड़े धुरंधर है यहाँ , थोथा चना बाजे घाना , अब इसके बाद तो बस मेरे पास झाड़ू ही बचती है राजनेताओ को थोफे में देने के लिए | वैसे कुछ अच्छी जगहें भी है जैसे मंदिरों को लेलो इतने अच्छे भक्तिपूर्ण माहौल में जहा पंडितों को लोगो के मन्नो में अच्छी बाते रखनी चाहिए वहा वो लोगो को भक्ति और परमेश्वर के नाम से उन्हें डरा रहे है उन्हें जरुरत है इस शक्तिशाली झाड़ू की जिसे वो अपने दिमाग पे चलये और लोगो को सही राह दिखाए |अगर बात झाड़ू की हो रही है तो माफ़ करना मुन्सिपलटी को तो मैं नही भूल सकती वैसे मानो या न मानो असल मायने में तो झाड़ू की सबसे जादा जरूरत मुझे तो लगता है मुंसीपालटी को ही है, अरे जरा शहर की साफ़ सुंदर गललियों को छोड़ कभी उसी शहर के गली कुचों में भी जाओ उधर मेलेगा आपको असली शहर जो आपकी उसी झाड़ू का इंतज़ार न जाने कितने सालो से कर रहा है, अब और देर नही करनी चाहिए वरना, बस वह जाने की देरी है फिर न पता की कितनी ही और भी झाड़ू आपकी स्वागत में वह आपका इंतज़ार न कर रही हो, कितनी ही कमाल की चीज़ है ये झाड़ू काम अच्छा हो या बुरा दोनों ही काम को क्या बखूब निभाती है ,,, काश मेरे पास भी होती ऐसी जादुई झाड़ू जिससे मैं भी अपने जिन्दगी की गंद को साफ़ केर सकती |